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1 May 2020 · 1 min read

ज्ञान ज्योति

कभी खत्म नही होता
तेरी कृपा का खजाना
तेरी रहमतो का कर्जदार
है सारा जमाना ।

रूठ जाये अगर तू
मुश्किल नही है तुझे मनाना
कृपा करो हे अम्बे गौरी
तेरे चरणो मे रहे मेरा ठिकाना ।

भूल अगर हो जाये अचेतन
क्षमा कर न मुझे रूलाना
जाने तू सब मन की बातें
जिव्हा तो बस एक बहाना ।

सच्चा है दरबार तुम्हारा
जिसने जाना तर जाना
कर्म ज्ञान की ज्योति को
मेरे अन्तर्मन मे सदा जगाना ।।

राज विग 01.05.2020.

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 769 Views
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