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26 Oct 2024 · 1 min read

जो हमेशा खुशी चाहता हैं वो दुःख भी शत-प्रतिशत पाता हैं.. जो

जो हमेशा खुशी चाहता हैं वो दुःख भी शत-प्रतिशत पाता हैं.. जो दिन को पकड़े रहता हैं.. क्या वो कभी रात से बच पाता हैं?

यदि कोई मौसम से कहे- “तुम मत बदलो”.. तो बोलो.. क्या ऐसा हो पाएगा? बदलना ही जिसका स्वभाव हैं.. भला वो बिन बदले कैसे रह पाएगा।

इसी प्रकार ये संसार भी बदलता रहता हैं.. और इंसान ख़ुशी को रोकने का प्रयत्न करता रहता हैं। अंत में ये प्रयास ही उससे सारी खुशियाँ छीन लेता हैं और चुपके से उसकी झोली को दुःख से भर देता हैं।

फिर ये जादू देखकर इंसान बहुत अचंभित होता हैं.. जब इतने प्रयत्नों बाद भी वो दुःख के ही साथ होता हैं। क्या पाने गये थे जीवन में और देखो क्या हुआ हासिल.. ख़ुद को ऐसे ठगकर तब उसे बस पश्चाताप होता हैं।

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