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17 Jan 2018 · 1 min read

जो सीधे सादे रहतें हैं मुश्किल में क्यों रहतें है

जो सीधे सादे रहतें हैं मुश्किल में क्यों रहतें है

मेरे मालिक मेरे मौला ये क्या दुनिया बनाई है
किसी के पास खाने को मगर वह खा नहीं पाये

तेरी दुनियां में कुछ बंदें, करते काम क्यों गंदें
किसी के पास कुछ भी ना, भूखे पेट सो जाये

जो सीधे सादे रहतें हैं मुश्किल में क्यों रहतें है
तेरी बातोँ को तू जाने, समझ अपनी ना कुछ आये

तुझे पाने की कोशिश में कहाँ कहाँ मैं नहीं घूमा
जब रोता बच्चा मुस्कराता है तू ही तू नजर आये

ना रिश्तों की महक दिखती ना बातोँ में ही दम दीखता
क्यों मायूसी ही मायूसी जिधर देखो नज़र आये

गुजारिश अपनी सबसे है कि जीयो और जीने दो
ये जीवन कुछ पलों का है पता कब मौत आ जाये

मदन मोहन सक्सेना

Language: Hindi
254 Views

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