जो सच है वो छिपाया क्यों करें हम
जो सच है वो छिपाया क्यों करें हम
कोई झूठा बहाना क्यों करें हम
बचाकर रक्खे हैं कुछ तीर हमने
किसी को भी निशाना क्यों करें हम
चले जायेंगे ये भी छोड़ हमको
ग़मों से इतनी शिकवा क्यों करें हम
मिला अब तक नहीं तुमसे सहारा
बताओं फिर भरोसा क्यों करें हम
हमें कमजोर ये आँसू बनाते
इन्हें अपना सहारा क्यों करें हम
हमारी ज़िंदगी है कुछ दिनों की
ये रोकर ही बिताया क्यों करें हम
करें खुद भी उजाले ‘अर्चना’ कुछ
अँधेरों से गुजारा क्यों करें हम
09-02-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद