जो वीर देश पर मिटे हैं मौत तो हुई नहीं।
गज़ल
1212…..1212……1212…..1212
जो वीर देश पर मिटे हैं मौत तो हुई नहीं।
कि देह छोड़ कर गई है आत्मा गई नहीं।
कि आत्मा अजर अमर है कौन मारता उसे,
जो जल से भीगती नहीं जो आग से जली नहीं।
खुदी में आप चूर हैं तो पशु समान जिंदगी,
जो मुफलिसों के वास्ते है दिल में बेकली नहीं।
ये जिंदगी सफल है गर लगा किसी के वास्ते,,
ये बेसबब बेकार है किसी की गर हुई नहीं।
जो दे सको तो थोड़ा दान प्यार और खुशी का दो,
तो बढ़ के इस से जिंदगी में कोई है खुशी नहीं।
जो कृष्ण राधिका सी है वो जिंदगी है प्रेमी की,
जो प्रेम से कटी नहीं वो जिंदगी भली नहीं।
…….✍️ प्रेमी