*जो लूॅं हर सॉंस उसका स्वर, अयोध्या धाम बन जाए (मुक्तक)*
जो लूॅं हर सॉंस उसका स्वर, अयोध्या धाम बन जाए (मुक्तक)
________________________
बसाकर राम बालक-रूप, देह अभिराम बन जाए
खिला दशरथ का ऑंगन ज्यों, मगन मन श्याम बन जाए
सदा सरयू की धारा में, मिले डुबकी लगाने को
जो लूॅं हर सॉंस उसका स्वर, अयोध्या धाम बन जाए
———————————–
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615 451