जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं…..
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं…..
वही रास्ते हमें रास्तों में छोड़ जाते हैं,
कई मजबूरीयों के किस्से सुनाते हैं
और कदमों के निशान छोड़ जाते हैं
कभी जिंदगी के अंधेरों को रोशनाते हैं
बन करके एक हादसा चले जाते हैं….
कभी बिन मौसम के बरसते हैं लेकिन,
कभी मरुस्थल से पानी उड़ा ले जाते हैं
कभी इस तरह वह साया बन जाते हैं
कभी पक्षियों को उड़ना सीखलाते हैं
कभी प्रलय कर अंधकार, तूफानों में
पक्षियों को ये तन्हा छोड़ जाते हैं….
किसी दरिया की प्यास बुझाने खातिर
नदी को भी प्यासा ये छोड़ जाते हैं…
कुछ सात जन्मों की दलीलें…करते हैं
कुछ लोग कब्र तक साथ निभाते हैं..
✍️Kavi Deepak saral