जो प्राप्त है वो पर्याप्त है
जो पास हैं वो ख़ास नहीं
जो ख़ास हैं वो पास नहीं
जो अपने हैं वो पराए हैं
जो पराए हैं वो अपने हैं
जो मिला है वो ज्यादा नहीं
जो खोया है वो कम नहीं
जो भूले नहीं हों वो याद क्या करें
जो याद करें उन्हें भूला क्यों कहें
जब दिल ही टूट गया तो शिकायत ही क्यों करें
जब शिकायत ही करनी है तो दिल टूटा है क्यों कहें
जब जीना चाहा तब मौत मिली
जब मौत मिली तब जीना क्या
रोते को जब सहारा न मिल सका
जब सहारा मिला तो रोना क्या करें
_ सोनम पुनीत दुबे