Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Nov 2024 · 1 min read

जो मिला उसे स्वीकारो या बदलाव करो,

जो मिला उसे स्वीकारो या बदलाव करो,
यू कुन्ठित होकर जीवन ना बर्बाद करो।।
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
हर परिवर्तन कुछ ना कुछ तो सिखलाता है,
उसी परिवर्तन से सीखो, यूं ना आँह भरो।
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
जो मिला उसे स्वीकारो या बदलाव करो।।
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
बदलाव वही होता है जहां प्रयास रहे,
तो चलो उठो और रोज नए प्रयास करो।
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
जो मिला उसे स्वीकारो या बदलाव करो।।
✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️ करुणा

Language: Hindi
9 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कोहराम मचा सकते हैं
कोहराम मचा सकते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
जो घटनाएं घटित हो रही हैं...
जो घटनाएं घटित हो रही हैं...
Ajit Kumar "Karn"
Top nhà cái uy tín luôn đảm bảo an toàn, bảo mật thông tin n
Top nhà cái uy tín luôn đảm bảo an toàn, bảo mật thông tin n
Topnhacai
“बधाई हो बधाई सालगिरह”
“बधाई हो बधाई सालगिरह”
DrLakshman Jha Parimal
एक ही आसरौ मां
एक ही आसरौ मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
तक़दीर का ही खेल
तक़दीर का ही खेल
Monika Arora
व्यर्थ है मेरे वो सारे श्रृंगार,
व्यर्थ है मेरे वो सारे श्रृंगार,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
हम  बुज़ुर्गों  पर दुआओं के सिवा कुछ भी नहीं
हम बुज़ुर्गों पर दुआओं के सिवा कुछ भी नहीं
पूर्वार्थ
बसंत
बसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हरीतिमा हरियाली
हरीतिमा हरियाली
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
राष्ट्र निर्माण को जीवन का उद्देश्य बनाया था
राष्ट्र निर्माण को जीवन का उद्देश्य बनाया था
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
#सामयिक_गीत :-
#सामयिक_गीत :-
*प्रणय*
* चली रे चली *
* चली रे चली *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जिंदगी की किताब में ,
जिंदगी की किताब में ,
Anamika Tiwari 'annpurna '
मेरी हर आरजू में,तेरी ही ज़ुस्तज़ु है
मेरी हर आरजू में,तेरी ही ज़ुस्तज़ु है
Pramila sultan
इतना आसान होता
इतना आसान होता
हिमांशु Kulshrestha
माणुष
माणुष
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
Dr. Man Mohan Krishna
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
अंसार एटवी
मनुष्य और प्रकृति
मनुष्य और प्रकृति
Sanjay ' शून्य'
3583.💐 *पूर्णिका* 💐
3583.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
अरुणोदय
अरुणोदय
Manju Singh
मैं इक रोज़ जब सुबह सुबह उठूं
मैं इक रोज़ जब सुबह सुबह उठूं
ruby kumari
जो प्राप्त न हो
जो प्राप्त न हो
Sonam Puneet Dubey
आलस मेरी मोहब्बत है
आलस मेरी मोहब्बत है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जब टूटा था सपना
जब टूटा था सपना
Paras Nath Jha
हाले दिल
हाले दिल
Dr fauzia Naseem shad
"अहा जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...