जो पाया आनंद मनाओ
जो पाया आनंद मनाओ,
सदा हाथ प्रभु के जोड़ो।
क्या ऊँचा नीचा होगा अब,
कल की सब चिंता छोड़ो।
जो देता हम सब को जीवन,
सकल विधान बनाता है,
कोई भी ना सोए भूखा,
सारा राच रचाता है।
छोड़ो सारी चिंता अपनी,
हृदय प्रार्थना को मोड़ो।
जो पाया आनंद मनाओ,
सदा हाथ प्रभु के जोड़ो।
मानव कितना चंचल होता,
ताने बाने है बुनता।
माया के पीछे सब भूला,
बात किसी की नहिं सुनता।
जो करता मैं ही करता हूँ,
अब झूठा भ्रम यह तोड़ो।
जो पाया आनंद मनाओ,
सदा हाथ प्रभु के जोड़ो।
क्या ऊँचा नीचा होगा अब,
कल की सब चिंता छोड़ो।।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम