जो धन आपने कमाया है उसे आप भोग पाओ या ना भोग पाओ; लेकिन उस ध
जो धन आपने कमाया है उसे आप भोग पाओ या ना भोग पाओ; लेकिन उस धन को कमाने के चक्कर में जो कर्म किए है उन्हें तो भोगना ही पड़ेगा, पैसा और सफलता लोगों को नहीं बदलते; वे केवल वही बढ़ाते हैं जो पहले से मौजूद है”, अकेले सुई की फितरत सिर्फ चुभने की होती है, मगर धागे का साथ मिलते ही उसकी फितरत बदल कर दो को मिलाने की हो जाती है, अच्छी संगत से, सहयोग मिलता है, संग अच्छा होगा तो रंग भी अच्छा होगा…🙏🏃🏻जगाते रहिए। “लव जिहाद” के नित्य नए उदहारण बताते है कि हमारी माताऐ अपनी जिम्मेवारी सही रूप से नही निभापा रही है। आप ही की जागरूकता से समाज को बचाया जा सकता है। ज्ञान की लो को बुझने ना दे अज्ञानता का अन्धकार तभी खत्म होगा। आक्रोश पैदा करे और विरोध करे। प्रणाम, नमस्कार, वंदेमातरम् … भारत माता की जय 🚭‼️