जो दरारों में दिख जाए……
जो दरारों में दिख जाए उससे उम्मीद क्या करना,
जो दिलो में दिख जाए उनसे एतबार क्या करना,
घर-घर दो पल की उम्मीद लिए फिरने वालो,
जो हाथों की लकीरों में दिख जाए उस पर अधिकार क्या करना।
–सीरवी प्रकाश पंवार
जो दरारों में दिख जाए उससे उम्मीद क्या करना,
जो दिलो में दिख जाए उनसे एतबार क्या करना,
घर-घर दो पल की उम्मीद लिए फिरने वालो,
जो हाथों की लकीरों में दिख जाए उस पर अधिकार क्या करना।
–सीरवी प्रकाश पंवार