जो जीवन सत्य मस्ती, नहीं समझा l
जो जीवन सत्य मस्ती, नहीं समझा l
वो जीवन सत्य हस्ती, नहीं समझा ll
जो पतवार की हस्ती, नहीं समझा l
वो जीवन सत्य कस्ती नहीं समझा ll
जो जीवन दुःख ओ सुख नही समझा l
वो प्यास को अभिव्यक्ति नही समझा ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न