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4 Nov 2024 · 1 min read

जो जीते जी इंसान की कद्र नहीं करता।

जो जीते जी इंसान की कद्र नहीं करता।
उस इंसान को मरणासन्न अवस्था में अपने द्वारा किए गए सारे पापकर्म याद आते है। फिर उसके पास सिवाय आंसू बहाने के कुछ भी शेष नहीं रह जाता है।
RJ Anand Prajapati

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