जो गलतियाॅं हुईं सो हुई !
जो गलतियाॅं हुईं सो हुई !
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कल जो गलतियाॅं हुईं सो हुई !
उस पर आज पछताना क्या !
ना करें कोई भी गलती अभी से ,
जान – बूझकर अगुताना क्या !!
जाने, अनजाने कभी जीवन में ,
कुछ-कुछ गलतियाॅं हो जाती हैं !
और लोग व्यर्थ ही मंथन करके ,
उसपे वक्त अपनी जाया करते हैं !!
जीवन का डगर यहीं पे नहीं रुकता,
बहुत आगे का सफ़र अभी बाकी है !
तो फिर भूत में जो गलतियाॅं हैं हुईं ,
उसपर हमेशा ही मंथन क्यों जारी हैं !!
बीती उन सारी बातों से क्या लेना-देना !
वर्तमान में हम ईमानदार बनना सीखें !
बुनें कुछ सुंदर भविष्य का ताना-बाना !
और सही राह पर हरदम बढ़ना सीखें !!
बीती बातों में जो उलझ के रह जाएंगे !
तो आगे की कोई योजना न बना पाएंगे !
फ़िज़ूल की बातों में हम वक्त जो गॅंवाएंगे,
तो हर मोड़ पे हाथ ही मलते रह जाएंगे !!
नकारात्मक सोच से हमारी ऊर्जा है घटती !
कर्त्तव्य-पथ, जीवन की अवरूद्ध ये करती !
अच्छे-अच्छे अवसर से हमें वंचित है करती !
मंज़िल तक हमें कभी पहुॅंचने ही नहीं देती !!
तो फिर छोड़ दें आज से इन व्यर्थ की बातों को !
नव ऊर्जा संग आरंभ कर दें जीवन में कार्यों को !
स्वच्छ वातावरण में खुद को पुनःतरोताजा करके,
एक नए अंदाज़ में भेदना सीखें अपने लक्ष्यों को !!
स्वरचित एवं मौलिक ।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : १८/०६/२०२१.
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