जो इंसान मुसरीफ दिखे,बेपरवाह दिखे हर वक्त
जो इंसान मुसरीफ दिखे,बेपरवाह दिखे हर वक्त
हर वक्त मजाक ए इलम करता रहे
उसके जहनियत को लहपावाह समझ लेते है लोग खुद की अक्लमंदी से
आप ये नही समझोगे,काफिर की फितरत होता है जिंदगी को हर लम्हे में जीने को खुल कर,
काफिर जिंदगी में बहुत मुकम्मल रहता है रहना चाहता है
जब वक्त की तासीर कड़वी और कोशिशें मुकाम नही पाती उसकी । तो काफिरपन उसको हारी हुई कोशिशों से मिले तकलीफ और वक्त के कड़वे पन को पचाने की कोशिश होती है।
हर मुस्कान खुशी की वजह नही होती, कभी कभी तकलीफ छुपाने का जरिया और लड़ने का खुद को मजबूत रखने का जरिया भी बनती है मुस्कान