जोगीरा सारा रारा रा…………………….
जोगीरा सारा रारा रा……….
मजदूरी में बचपन बीता
सपना साहुकार…२
दिन ढले ते उम्र बीत गई
बेडौल हुआ आकार
जोगीरा सारा रारा रा……२
किस्मत का तो खेल ये देखो
कितने हैं हकदार…२
सभी पुछते सपने
कब होंगे साकार
जोगीरा सारा रारा रा…..२
अबकी होली फिकी पर गई
परे रहे बेकार…..२
ना कोई करजा ना कोई पईचा
सूना है व्यापार
जोगीरा सारा रारा रा……….२
भाई अकेला पिता अकेले
करते इंतजार…………..२
मां अकेले रोती रही गई
आया ना पालनहार
जोगीरा सारा रारा रा………२
इन आंखों में आंसू बह है
करेगा क्या “प्रभात”……२
छुप छुप कर हम भी रोए
किसे कहें सौगात
जोगीरा सारा रारा रा…….२
सुनो दोस्तो होली मुबारक
तुमको सौ सौ बार………२
अगली होली खुब खेलेंगे
लेके लाल गुलाल
जोगीरा सारा रारा रा……२
स्वरचित होली गीत कोरोना के समय का है उम्मीद है आप लोग प्यार देंगे आपका सुशील कुमार सिंह “प्रभात”