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2 Jul 2022 · 1 min read

जोकर vs कठपुतली ~02

वो कठपुतली थी जोकर की
मैं जोकर था, इक सर्कश का
अब कैसे बयां करूँ यारा
मैं तड़पा उसको पल पल था
वो दिन याद अभी हमको
जब मिली थी हमसे रूठ गई
जो सुनना चाहा था, अब तक
वो बात अधूरी छूट गई
क्या मंजर था, उस अंतिम दिन
जब सूनापन था, दिल ही दिल
मैं बोला कि मैं आऊंगा
तुम बढ़ी चलो अपनी मंजिल
आँखों में थे आँसू उसके
और दर्द बहुत था रुख़सत का
वो दूर हुई तो पता चला
मैं तीर अधूरे तरकश का
वो कठपुतली थी जोकर की
मैं जोकर था इक सर्कश का
… भंडारी लोकेश ✍🏻

Language: Hindi
6 Likes · 313 Views
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