Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Aug 2020 · 1 min read

जैसा हूँ मुझे रहने दे

दर्द स्वयं ही सहने दे
जैसा हूँ मुझे रहने दे।
मत रोको विचार धार को
अविरल धारा बहने दे।
क्या कह रहा सुनो न रोको
आज बहुत कुछ कहने दे।
बाध बने संकलित हृदय में
अब बेचैनी बढती जाती।
बाधा दीवारे ढहने दे
आज बहुत कुछ कहने दे।।
…………✍विन्ध्य प्रकाश मिश्र ‘विप्र’

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 639 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
ताल-तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान,
ताल-तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
देश 2037 में ही हो सकता है विकसित। बशर्ते
देश 2037 में ही हो सकता है विकसित। बशर्ते "इमोशनल" के बजाय "
*प्रणय*
हमेशा कुछ ऐसा करते रहिए जिससे लोगों का ध्यान आपके प्रति आकषि
हमेशा कुछ ऐसा करते रहिए जिससे लोगों का ध्यान आपके प्रति आकषि
Raju Gajbhiye
ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
Befikr Lafz
सत्यम शिवम सुंदरम🙏
सत्यम शिवम सुंदरम🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
याद रखना...
याद रखना...
पूर्वार्थ
"पापा की परी”
Yogendra Chaturwedi
"" *आओ करें कृष्ण चेतना का विकास* ""
सुनीलानंद महंत
"तू रंगरेज बड़ा मनमानी"
Dr. Kishan tandon kranti
है जरूरी हो रहे
है जरूरी हो रहे
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
हिन्दी ग़ज़ल के कथ्य का सत्य +रमेशराज
हिन्दी ग़ज़ल के कथ्य का सत्य +रमेशराज
कवि रमेशराज
"सत्य अमर है"
Ekta chitrangini
वक्त घाव भरता मगर,
वक्त घाव भरता मगर,
sushil sarna
ज़िन्दगी को समझते
ज़िन्दगी को समझते
Dr fauzia Naseem shad
सगीर की ग़ज़ल
सगीर की ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Kanchan verma
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
Harminder Kaur
देख कर उनको
देख कर उनको
हिमांशु Kulshrestha
पहले लोगों ने सिखाया था,की वक़्त बदल जाता है,अब वक्त ने सिखा
पहले लोगों ने सिखाया था,की वक़्त बदल जाता है,अब वक्त ने सिखा
Ranjeet kumar patre
दोय चिड़कली
दोय चिड़कली
Rajdeep Singh Inda
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
समय
समय
Dr.Priya Soni Khare
भावो को पिरोता हु
भावो को पिरोता हु
भरत कुमार सोलंकी
ज़िन्दगी थोड़ी भी है और ज्यादा भी ,,
ज़िन्दगी थोड़ी भी है और ज्यादा भी ,,
Neelofar Khan
वीरांगना लक्ष्मीबाई
वीरांगना लक्ष्मीबाई
Anamika Tiwari 'annpurna '
*वह बिटिया थी*
*वह बिटिया थी*
Mukta Rashmi
.
.
Amulyaa Ratan
कहां खो गए
कहां खो गए
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
Loading...