जुबान,,
जुबां ऐसी भी न खराब करो,
प्यार से बोलो और राब करो,
सारी दुआ इसी से तस्लीम है,
पत्थर के दिल को आब करो,
अच्छी जुबां से जन्नत अता हुई,
देखो हर शाम फिर तो फ़िदा हुई,
कुछ न करो दिल से तो बोल दो,
पल भर की दूरियां सब जुदा हुई,
जुबां ऐसी भी न खराब करो,
प्यार से बोलो और राब करो,
सारी दुआ इसी से तस्लीम है,
पत्थर के दिल को आब करो,
अच्छी जुबां से जन्नत अता हुई,
देखो हर शाम फिर तो फ़िदा हुई,
कुछ न करो दिल से तो बोल दो,
पल भर की दूरियां सब जुदा हुई,