जुदा होना मुश्किल नहीं था
जुदा होना मुश्किल नहीं था
जुदा होना कोई मुश्किल नहीं था।
लेकिन और कोई हल नहीं था।
डूब गया जो समुद्र की लहरों में
उसके हिस्से में साहिल नहीं था।
न अश्क बहा उस शख्स के लिए
भूलने वाला इसके काबिल नहीं था।
बातें इश्क की सुनाते फिरते हो
मगर इसका कोई हासिल नहीं था।
इत्तिफाकन मिल गये थे तुमसे
इससे ज्यादा बिस्मिल नहीं था।
जुबां करके मुकर जाते हैं लोग
मैं इतना बड़ा क़ातिल नहीं था।
भूल जा ,भूल जा याद करने वाले
भूल से मैं तेरा मुस्तकबिल नहीं था।
सुरिंदर कौर