जुदाई
जुदाई
मैं
कितनी दूर से
उससे मिलने आया
पर वो
रो रहा था
उसे गम था
किसी से बिछुड़ने का
वो आंसू बहा रहा था
सभी उसके
बहते आंसू
रोमांच से
देख रहे थे
और कह रहे थे
क्या खूबसूरत झरना है
पर वास्तव में
नदी से बिछुड़ने के
गम में
पहाड़ रो रहा था
-विनोद सिल्ला