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21 Oct 2021 · 1 min read

जुगनू (बाल कविता)

जुगनू(बाल कविता)
“”””””””””””‘””””””””””
कहा शेर ने दीवाली है
हम.भी दीप जलाएँ,
पूरा जंगल जगमग कर दें
इतने दीपक लाएँ

हाथी बोला गया जमाना
दिया-तेल-बाती का,
कौन जलाता दीपक अब
पहले वाला माटी का

कहा लोमड़ी ने तब
कैसे महंगी झालर लाएँ,
पैसे पास नहीं हैं
बिजली वाले बल्ब सजाएँ ?

तभी सैकड़ों जुगनू आए
आसमान में छाए
उन्हें चमकता देख जानवर
जंगल के मुस्काए।।
“”””””””””””””””””””””””””
रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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