जी रहे है तनाव अभाव दबाव प्रभाव और बेभाव में
चाहे रह रहे हो आप शहर में या गांव में।
हम सब जी रहे है,आज एक तनाव में।।
मिल रहा है अशुद्ध जल व वायु इस संसार में।
जी रहे है हम शुद्ध जल व वायु के अभाव में।।
चाहे रह रहे हो घर में या किसी भी जगह में।
लोग जीवन यापन कर रहे है हर दबाव में।।
प्रभावित है हर इन्सान प्रत्येक परिस्थिति में।
आदमी ले रहा है दूसरे को अपने प्रभाव में।।
महंगाई इतनी बढ़ चुकी है रहा न कोई भाव में।
बाजार में जाइए,वस्तुएं मिल रही है बे भाव में।।
बना है मानव पांच तत्वों से इस संसार में।
इन्ही पांच तत्वों में विलीन होगा संसार में।।
सब जी रहे तनाव,अभाव,दबाव प्रभाव में।
इन चीजों में ही मर जायेंगे हम बे भाव में।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम