जीवित वो है
न समझना साँसों से जीवित वो है,
न कहना साँसें हैं तो जीवित वो है,
साँसें जिसने न्योछावर की है जीवित वो है,
किसी को साँस लेना सिखाए जीवित वो है।
न समझना साँसों से जीवित वो है।।
मनुष्यता का प्रतीक बन जो,
धर्म को जिसने है जिलाया,
न्याय जिसके हृदय में छलके जीवित वो है।
मर कर जो अमर हुआ है जीवित वो है।।
जय हिंद
जय मेधा
जय मेधावी भारत
©® सन्दर्भ मिश्र पुत्र श्री नरेन्द्र मिश्र,
ग्राम दफ्फलपुर,
पोस्ट व थाना रोहनियाँ,
जनपद वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत-221108