जीवन
जीवन नहीं होता इतना कठिन और भागदौड़ भरा।
हम बनाते हैं इसे सब पा लेने की चाह में ।
कुछ रास्ते होते हैं सीधे और सरल भी ।
ढूंढ लाते हैं पत्थर बिछाने को राह में ।।
हर चीज असंभव भी नहीं इस धरातल पर।
पर हमें संभव चाहिए ही कहां जाना पड़े भले रसातल पर ।।
खुद ही रिश्तो को झोकते हैं अभिमान की भट्टी में।
फिर उन तपते रिश्तो से हमें ठंडक चाहिए।
गिर चुके जिस पेड़ से सारे पत्ते उससे हमें छांव चाहिए।
भरोसा शब्द से जिसका दामन भरा न हो
विश्वास नाम की उसे आस चाहिए ।।
जिंदगी यहां कटती नहीं खींचती ही जा रही है।
कुछ को लम्हे और चाहिए उन्हें बड़ी रास आ रही है।।
यादों को याद करने का कभी मन ही ना हुआ।
खुश रहे हर हाल में बेबसी का गम ही ना हुआ।।
इतनी बिता दी जिंदगी और हमें जीना ना आया।
रिश्तो की तुरपन कर लेते हम भी पर हमें सीना ना आया।।