Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2021 · 1 min read

जीवन

है मृत्यु सरल जीवन दुष्कर
पथ पर फैला है,एक गरल
दे स्वेद को तू इतनी अग्नी,
जल जायें कन्टक जो भी हो
हो जाये जीवन और सरल
हो जाये जीवन और सरल।

भावो का अपने कर मंथन,
कर ले फिर तू आज यह प्रण,
निज को ना कभी तू हीन कहे
प्रतिघात करे ना अन्याय सहे,
स्वाँसों कर स्पंदित अपनी,
हो जायें जीवन फिर अविरल,
हो जाये जीवन फिर अविरल।

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 640 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बड़े पद का घमंड इतना ना करो,
बड़े पद का घमंड इतना ना करो,
Ajit Kumar "Karn"
जीवन की रंगीनियत
जीवन की रंगीनियत
Dr Mukesh 'Aseemit'
क्यों है अहम तुमको खुद पर इतना
क्यों है अहम तुमको खुद पर इतना
gurudeenverma198
23/216. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/216. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुंडलिया
कुंडलिया
आर.एस. 'प्रीतम'
*नेता जी के घर मिले, नोटों के अंबार (कुंडलिया)*
*नेता जी के घर मिले, नोटों के अंबार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मैं शब्दों का जुगाड़ हूं
मैं शब्दों का जुगाड़ हूं
भरत कुमार सोलंकी
किस कदर
किस कदर
हिमांशु Kulshrestha
रेत पर
रेत पर
Shweta Soni
इस जीवन का क्या है,
इस जीवन का क्या है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
सत्य कुमार प्रेमी
"चापलूसी"
Dr. Kishan tandon kranti
आख़िरी इश्क़, प्यालों से करने दे साकी-
आख़िरी इश्क़, प्यालों से करने दे साकी-
Shreedhar
*संतान सप्तमी*
*संतान सप्तमी*
Shashi kala vyas
जीवन का हर पल बेहतर होता है।
जीवन का हर पल बेहतर होता है।
Yogendra Chaturwedi
व्यवहार वह सीढ़ी है जिससे आप मन में भी उतर सकते हैं और मन से
व्यवहार वह सीढ़ी है जिससे आप मन में भी उतर सकते हैं और मन से
Ranjeet kumar patre
आप लगाया न करो अपने होंठो पर लिपिस्टिक।
आप लगाया न करो अपने होंठो पर लिपिस्टिक।
Rj Anand Prajapati
बेदर्द ज़माने ने क्या खूब सताया है…!
बेदर्द ज़माने ने क्या खूब सताया है…!
पंकज परिंदा
देश चलता नहीं,
देश चलता नहीं,
नेताम आर सी
आप की डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है जनाब
आप की डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है जनाब
शेखर सिंह
बम
बम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
नेता जी को याद आ रहा फिर से टिकट दोबारा- हास्य व्यंग्य रचनाकार अरविंद भारद्वाज
नेता जी को याद आ रहा फिर से टिकट दोबारा- हास्य व्यंग्य रचनाकार अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
आज के दौर में मौसम का भरोसा क्या है।
आज के दौर में मौसम का भरोसा क्या है।
Phool gufran
शीर्षक – फूलों सा महकना
शीर्षक – फूलों सा महकना
Sonam Puneet Dubey
SHER-
SHER-
*प्रणय*
शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम।
शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम।
Sanjay ' शून्य'
*मीठे बोल*
*मीठे बोल*
Poonam Matia
अपनी मंजिल की तलाश में ,
अपनी मंजिल की तलाश में ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
खबर देना
खबर देना
Dr fauzia Naseem shad
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...