Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Sep 2024 · 1 min read

जीवन…!!

एक उलझी किताब है जीवन।
हाँ… मग़र लाज़वाब है जीवन।

है उफनता हुआ सा इक दरिया,
या छलकती शराब है जीवन।

मुश्किलों से न तोड़ रिश्ता यूँ,
बस इन्हीं का हिसाब है जीवन।

ये तमाशा नहीं कशाकश है,
कौन कहता खराब है जीवन।

हाँ….! यकीनन हज़ार काँटों में,
एक खिलता गुलाब है जीवन।

पंकज शर्मा “परिंदा”

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 14 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमें कोयले संग हीरे मिले हैं।
हमें कोयले संग हीरे मिले हैं।
surenderpal vaidya
बदले की चाह और इतिहास की आह बहुत ही खतरनाक होती है। यह दोनों
बदले की चाह और इतिहास की आह बहुत ही खतरनाक होती है। यह दोनों
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
#गहिरो_संदेश (#नेपाली_लघुकथा)
#गहिरो_संदेश (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
आत्महत्या कर के भी, मैं जिंदा हूं,
आत्महत्या कर के भी, मैं जिंदा हूं,
Pramila sultan
बालि हनुमान मलयुद्ध
बालि हनुमान मलयुद्ध
Anil chobisa
" लोग "
Chunnu Lal Gupta
खुशबू सी बिखरी हैं फ़िजा
खुशबू सी बिखरी हैं फ़िजा
Sunita
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
सब अनहद है
सब अनहद है
Satish Srijan
“सुकून”
“सुकून”
Neeraj kumar Soni
" जमाना "
Dr. Kishan tandon kranti
👌🏼वक़्त का तक़ाज़ा👌
👌🏼वक़्त का तक़ाज़ा👌
*प्रणय प्रभात*
भरत मिलाप
भरत मिलाप
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
हकीकत जानते हैं
हकीकत जानते हैं
Surinder blackpen
दीपावली
दीपावली
Neeraj Agarwal
🌻 *गुरु चरणों की धूल* 🌻
🌻 *गुरु चरणों की धूल* 🌻
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
आंधी
आंधी
Aman Sinha
मोहब्बत में जीत कहां मिलती है,
मोहब्बत में जीत कहां मिलती है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
कुछ लोगों के बाप,
कुछ लोगों के बाप,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गीत ____ मां के लिए
गीत ____ मां के लिए
Neelofar Khan
3681.💐 *पूर्णिका* 💐
3681.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हवा से भरे
हवा से भरे
हिमांशु Kulshrestha
अगर आप केवल अपना स्वार्थ देखेंगे तो
अगर आप केवल अपना स्वार्थ देखेंगे तो
Sonam Puneet Dubey
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बहुत बार
बहुत बार
Shweta Soni
ज़िंदगी के सौदागर
ज़िंदगी के सौदागर
Shyam Sundar Subramanian
क्षणिका :  ऐश ट्रे
क्षणिका : ऐश ट्रे
sushil sarna
*बुढ़ापे का असर है यह, बिना जो बात अड़ते हो 【 हिंदी गजल/गीतिक
*बुढ़ापे का असर है यह, बिना जो बात अड़ते हो 【 हिंदी गजल/गीतिक
Ravi Prakash
मन तो करता है मनमानी
मन तो करता है मनमानी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तो मैं राम ना होती....?
तो मैं राम ना होती....?
Mamta Singh Devaa
Loading...