जीवन हो मधुरम्
हो जीवन शैली
सरल मधुर
जीवन हो अपना
मधुरम् मधुरम्
बने सहायक
जीवन में सब के
फैले रिश्तों में
मधुरस मधुरस
होती हर एक की
अपनी जीवन शैली
सैनिक मुस्तैदी से
रहता सीमा पर
करता नहीं परवाह
ठंड, गर्मी की है
चलाते दिन रात
रेल बस हवाई जहाज
करते देखभाल
मरीजों की दिन राथ
है उनकी जीवन शैली
सेवा मानव की
है गर्व हमें
इन इन्सानों पर
ढालते जीवन शैली
जरूरत के अनुरूप
अपनाये यही
जीवन शैली
हम भी तुम भी
संग जीवनसाथी अपने
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल