जीवन साथी
पति नाहीं, साथी चाहीं
जीवन भर के थाती चाहीं…
साथे चले वाला
साथे रूके वाला
साथे जरे वाला
साथे बुते वाला
हर आन्हीं-तूफ़ान में
दीया हईं, बाती चाहीं…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#feministpoetry
#स्त्रीविमर्श