“ जीवन -साथी “
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
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तुम साथ हमारा देदो साथी ,
मंजिल को हम पा जायेंगे !
हमको जीवन दान मिलेगा ,
सुख जीवन का पा जायेंगे !!
हो दुर्गम राहें मंजिल की ,
धुँधली प्रकाश की रेखा हो !
तेरा साथ रहे जीवन भर ,
फिर क्या लेखा -जोखा हो !!
हँसकर दुर्गम घाटी को भी ,
एक क्षण में ही टप जायेंगे !
हमको जीवन दान मिलेगा ,
सुख जीवन का पा जायेंगे !
रूखी -सुखी खाकर हमारे ,
जीवन यूँही कट जायेंगे !
अँधियारी रातों में मिलकर ,
जीवन ज्योति जगायेंगे !!
एक दूजे की बाहों में हम ,
कुछ क्षण रात बिताएंगे !
हमको जीवन दान मिलेगा ,
सुख जीवन का पा जायेंगे !!
जीवन साथी साथ रहेंगे ,
मंज़िल को हम पा लेंगे !
राहें सब आसान बनेगी ,
ऊंच शिखर को पा लेंगे !!
है आनंद साथ चलने में ,
प्रेम की गंगा हम बहायेंगे !
हमको जीवन दान मिलेगा ,
सुख जीवन का पा जायेंगे !!
तुम साथ हमारा देदो साथी ,
मंजिल को हम पा जायेंगे !
हमको जीवन दान मिलेगा ,
सुख जीवन का पा जायेंगे !!
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डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखंड
भारत
09.09.2021.