*जीवन समझो एक फुलझड़ी, दो क्षण चमक दिखाती (हिंदी गजल)*
जीवन समझो एक फुलझड़ी, दो क्षण चमक दिखाती (हिंदी गजल)
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1)
जीवन समझो एक फुलझड़ी, दो क्षण चमक दिखाती
फिर बुझकर हो निष्प्रयोज्य यह, विदा स्वयं हो जाती
2)
समय एक-सा नहीं रहेगा, मर्यादा मत भूलो
सोचो भला कौन है जिस पर, नहीं मुसीबत आती
3)
समय-समय का फेर चल रहा, जग में प्रतिदिन देखो
सुबह हुई तो उजियारा है, रात्रि कालिमा लाती
4)
भले देह से वे बूढ़े हों, मुखमुद्रा मुस्काती
जिनके जीवन में संयम है, सच्चाई की थाती
5)
ईश्वर को दो धन्यवाद जो, सुंदर सृष्टि बनाई
पेड़ रोज फल दे जाते हैं, नदी नीर भर लाती
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451