“जीवन सफल बना जाओ”
जीवन सफल बना जाओ
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याद तुम्हारी आती है
बस रह रह कर तड़पाती है,
यादों के इस मंज़र से बोलो
अब कैसे दूर रहा जाए?
आकर अब जीवन के इस
खालीपन को मेरे भर जाओ,
जीवन अब ज्यादा शेष नहीं
अहसान तो इतना कर जाओ।
सुकून के पलों को मैंने
ना जाने कहां कहां नहीं ढूंढा,
अब तो यादें हीं तेरी
मेरे सुख दुख का साथी है।
दामन में मेरे थे कांटे ही कांटे
जो मुझे मिले बहारों से
तेरे आने से मौसम भी
अब तो गुलज़ार सा लगता है।
एक शाम तेरी यादों का मंज़र
दिल में उमंगे भरता है,
आने की एक उम्मीद पर ही
दिल बरबस ही धड़कता है।
क्या बात है तेरे हुस्न में जाना
निगाहें चेहरे से हटती ही नहीं,
दीदार तेरे चेहरे को करने
दिल मेरा बहुत तड़पता है।
तेरे पहलू में आ जाने को
मन मेरा बहुत मचलता है,
दो पल प्यार की खातिर
दिन रात ये आहें भरता है।
दिल पास मेरे अब बचा नहीं
वो कभी का तुमको दे चुका,
जानम मेरी दुनिया में आकर
जीवन सफल बना जाओ।
संजय श्रीवास्तव
बालाघाट
२२ अप्रैल २०२०