जीवन संगिनी
हँसते हँसते ये पल,
जाए ऐसे ही बीत।
साथ रहें तेरा मेरा,
और बनी रहें प्रीत।।
संग- संग चलते रहे,
गुजरे साल इक्कीस।
बढ़ता गया प्रेम स्नेह,
मन में नहीं कोई टीस।।
सुख दुःख में साथ रहें,
शहर हो या फिर गाँव ।
चलता रहें अपना सफ़र,
एक दूसरे की बन छांव ।।
हर खुशी तुमको मिले,
यही है मेरी अभिलाषा।
मन में जिसकी है छवि,
वैसी ही तुम परिभाषा।।
—– जेपीएल