जीवन मेरा चला चल
जग तू है- मेरा क्या?
अखंड अनंत अविचल
जीवन मेरा चला चल
आज नहीं तो कल
कब बीत जाए यह पल
जग तू है-मेरा क्या?
जीवन मेरा चला चल|
१) ईश्वर ने सांसे डाली
बनु में तो ऐसा माली
मानवता की करूं रखवाली
महके धरती की फुलवारी
पल दर पल
जग तू है- मेरा क्या?
जीवन मेरा चला चल|
न रार तकरार करू
अंतकरण में प्यार भरू
दे जाऊं कुछ अपना समर्पण
“अनुनय” खुद से इकरार करूं
ना जाने कब आए बुलावा
मौत सबकी अटल
जग तू है- मेरा क्या?
जीवन मेरा चला चल|
राजेश व्यास “अनुनय”