जीवन में ही सहे जाते हैं ।
यूंँ ही क्यों विचलित हो,
परेशान से इतने हो,
ये पल तो आते जाते हैं,
इसी जीवन में ही सहे जाते हैं ।….(१)
दुख से बचा न कोई है,
दर्द सभी ने गुजारा है,
यूँ दुःख-दर्द तो आते जाते हैं,
इसी जीवन में ही सहे जाते हैं ।….(२)
हैरान होने जैसा है नहीं,
दुनिया की यह कोई नई बात नहीं,
चोट जिस्म में लगते रहते हैं ,
इसी जीवन में ही सहे जाते हैं ।….(३)
हार कोई अपमान नहीं ,
संघर्ष की एक कहानी ही है ,
ये जीत-हार तो लगे रहते हैं ,
इसी जीवन में ही सहे जाते हैं ।….(४)
✍🏼
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर ।