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3 Jul 2021 · 1 min read

जीवन में धैर्य

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मानव जीवन मिला भाग्य से ,
अब क्रोध अगन हटाना है।
काँटो पर चल मिलती मंजिल,
बस धैर्य को अपनाना है।

एक एक पग चल करके,
मिलों का सफर कटाना है।
चींटी जैसे धैर्य रखकर,
भारी भरकम बोझ उठाना है।

सारी विपदाएं टल जाती,
जब हो मन में धैर्य अपार।
बंजर को भी जोते धैर्य से,
तो हो हरियाली अपरम्पार।

जब सब अपने साथ छोड़ दें,
दिखे ना कोई जब तुम्हारा,
एक धैर्य अगर साथ रहेगा,
देगा जीवन भर सहारा।

घबराने से होता है क्या,
मुश्किलें और बढ़ जाती हैं।
धैर्य रख , धराने से धैर्य,
महामारी भी मुँह छिपाती है।

–अशोक शर्मा, कुशीनगर ,उ.प्र
9838418787,6392278218

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 217 Views
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