“”””जीवन में कभी न ——-!(घनाक्षरी छंद)
मनहरण छंद–जीवन में कभी———!
जीवन में कभी भी न, काम कोई ऐसा करे।
मिले दुख दूसरों को ,अंत में पछताएगा।।
कमाओ कमाओ खूब, आप धन जीवन में।
अंत समय में जीव,अकेला है जाएगा।।
नेकी करो डरो डरो, पीर तो पराई हरो।
परोपकार ही तो भाई पार है लगाएगा।।
नाम करो ऐसा करो, ह्रदय में भाव भरो।
छोड़ जाओ यादें ऐसी, नाम जग है गाएगा।।
***राजेश व्यास अनुनय***