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जीवन/मृत्यु
// दिनेश एल० “जैहिंद”
जीवन —
सृष्टि ईश की परिकल्पना है !
जीवन तो उसकी संरचना है !!
जीवन को केवल भेंट मान तू,,
जीवन अपना जिते चलना है !!
जीवन पाकर उल्लास मना !
जीवन को तू निज कर्म बना !!
जीवन से कभी गुरेज न कर,,
जीवन में कभी ना तू डरना !!
मृत्यु —
जीवन के पश्चात् आती मृत्यु !
अल्पावधि इसे मिली अल्पायु !!
मृत्यु ही अन्त इस जीवन का,,
न कर कामना होने की दीर्घायु !!
मृत्यु अक्षश: है सतत् प्रक्रिया !
जीवन की वक्त से अभिक्रिया !!
मृत्यु का न रख भय तू मन में,,
चलने दे तू तन की अन्तर्क्रिया !!
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दिनेश एल० “जैहिंद”
14. 09. 2018