जीवन पथ पर
गीतिका
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जीवन पथ पर , हर मुश्किल में, साथ रहें।
सच्चे प्रेमी, कभी न कड़वी, बात कहें।
भोर समय में, प्यारे पंछी, रहे चहक।
देखो कितनी, जीवन की प्रिय, चाह गहें।
बिछड़े प्रेमी, बहुत दिनों के, बाद मिले।
फूलों जैसे, झरझर आंसू, खूब बहें।
पेड़ किसी से कह पाते कुछ, कहां कभी।
गर्मी सर्दी वर्षा पतझड़, सभी सहें।
हिम्मत से जो आगे बढ़ते, हुए सफल।
कठिनाई के ऊंचे पर्वत, स्वयं ढहें।
सत्य हमेशा सभी हाल में, रहे अटल।
झूठ बात की उधड़ा करती, सभी तहें।
पास न होंगे तो भी सुखमय, प्यार भरे।
याद रखेंगे प्रीति भरे हम, सब लम्हें।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, २५/०८/२०२४