जीवन दिशा
मसीह आये थे इस ज़मीं पर
मसीह तुम भी किसी के बनना।
उन्होंने पोंछे थे सब के आंसू
उन्हीं की राह तुम भी चलना।
फलक पर चमका था एक सितारा
ज़मी पर उतरा तो फूल बन कर
खिला गया वह इस चमन को
उसी की खुशबू में तुम महकना।
हृदय पर घाव झेले सब के
पहन कांटों का ताज सर पर
चढे सलीब हंसते हंसते
उसी करूणा में तुम उतरना।
मसीह आये हैं इस जमी पर
मसीह तुम भी किसी के बनना।
विपिन