Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Sep 2024 · 1 min read

जीवन चलचित्र के किरदार कई सारे,

जीवन चलचित्र के किरदार कई सारे,
स्वार्थ की अपनी नैया को खूब सँवारे।
जो पीड़ा हो स्व की तो, फूटते अश्रु के फव्वारे,
और दूजे के घाव देख, लेते ये चटकारे।
सुख में ये बजाते, ईर्ष्या के इकतारे,
और दुःख की घडी में, हो जाते किनारे।
निर्णयों पर चलाते, पूर्वाग्रहों की तलवारें,
और आशओं के आसमां के, ये कर देते बंटवारे।
समक्ष जो हो तो, हम हों उनके दुलारे,
और पलटते हीं कहते, वो काहे के हमारे।
सर्प भी इनका व्यक्तित्व देख फुफकारे,
कि कहाँ रखते हैं ये अपने, ज़हर के पिटारे।
मौन के क्षणों में ये, शब्दों को पुकारे,
और फिर शहर में भ्रमण कर, ये बजाते नगाड़े।
दिखावटी चिंता से इनका अस्तित्व डकारे,
और कटाक्षों की बोली संग मुस्कान ये पुचकारे।
लेकर फिरते हैं ये अपने घमंड के गुब्बारे,
और मिलेंगे भटकते, यूँ हीं चौक चौबारे।
जीवन चलचित्र के किरदार कई सारे,
स्वार्थ की अपनी नैया को खूब सँवारे।

1 Like · 37 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manisha Manjari
View all
You may also like:
हवा चली है ज़ोर-ज़ोर से
हवा चली है ज़ोर-ज़ोर से
Vedha Singh
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
*यदि उसे नजरों से गिराया नहीं होता*
*यदि उसे नजरों से गिराया नहीं होता*
sudhir kumar
उज्जैन घटना
उज्जैन घटना
Rahul Singh
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
Kanchan Khanna
आसमान का टुकड़ा भी
आसमान का टुकड़ा भी
Chitra Bisht
हिन्दी ही दोस्तों
हिन्दी ही दोस्तों
SHAMA PARVEEN
" दास्तां "
Dr. Kishan tandon kranti
गिरता है गुलमोहर ख्वाबों में
गिरता है गुलमोहर ख्वाबों में
शेखर सिंह
बहुत सी बातों को यूँही छोड़ देना चाहिए बिना किसी सवाल जवाब न
बहुत सी बातों को यूँही छोड़ देना चाहिए बिना किसी सवाल जवाब न
पूर्वार्थ
अब तो मिलने में भी गले - एक डर सा लगता है
अब तो मिलने में भी गले - एक डर सा लगता है
Atul "Krishn"
"मेहंदी"
Shashi kala vyas
हमनवा
हमनवा
Bodhisatva kastooriya
कितनी बेचैनियां
कितनी बेचैनियां
Dr fauzia Naseem shad
हम तो बस कहते रहे, अपने दिल की बात।
हम तो बस कहते रहे, अपने दिल की बात।
Suryakant Dwivedi
नर से नर पिशाच की यात्रा
नर से नर पिशाच की यात्रा
Sanjay ' शून्य'
🌻 गुरु चरणों की धूल🌻
🌻 गुरु चरणों की धूल🌻
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*** होली को होली रहने दो ***
*** होली को होली रहने दो ***
Chunnu Lal Gupta
मेरे सपने
मेरे सपने
Saraswati Bajpai
ग़ज़ल(नाम जब से तुम्हारा बरण कर लिया)
ग़ज़ल(नाम जब से तुम्हारा बरण कर लिया)
डॉक्टर रागिनी
2818. *पूर्णिका*
2818. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
9) खबर है इनकार तेरा
9) खबर है इनकार तेरा
पूनम झा 'प्रथमा'
जो ख़ुद आरक्षण के बूते सत्ता के मज़े लूट रहा है, वो इसे काहे ख
जो ख़ुद आरक्षण के बूते सत्ता के मज़े लूट रहा है, वो इसे काहे ख
*प्रणय*
"कौन अपने कौन पराये"
Yogendra Chaturwedi
सच तो आज कुछ भी नहीं हैं।
सच तो आज कुछ भी नहीं हैं।
Neeraj Agarwal
रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है
रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है
कवि दीपक बवेजा
*शिक्षक*
*शिक्षक*
Dushyant Kumar
यही बात समझने में आधी जिंदगी बीत गई
यही बात समझने में आधी जिंदगी बीत गई
Ashwini sharma
हंस काग दोनो पढें.
हंस काग दोनो पढें.
sushil sarna
ये सुबह खुशियों की पलक झपकते खो जाती हैं,
ये सुबह खुशियों की पलक झपकते खो जाती हैं,
Manisha Manjari
Loading...