जीवन क्षणभंगुर है
“जीवन क्षणभंगुर है”
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यह ,मानव जीवन मिला है तुमको
जी लो इसको -जी भर के तुम,
क्योंकि,जीवन क्षणभंगुर जो है |
पल भर का यह जीवन जो है
भर दो इसको खुशियों से तुम,
कर्म करो कुछ ऐसा जीवन में
जन्म सफल हो जाये जग में,
क्योंकि,जीवन क्षणभंगुर जो है |
हरसिंगार सा जीवन है ,इसका
रंग बिरंगा और सुवासित,
सुख दुःख ओस की बूँदे हैं
जो आती जाती रहती हैं,
क्योंकि, जीवन क्षणभंगुर जो है |
ये जग है इक रैन बसेरा
आना -जाना लगा ही रहता,
कुछ पल ध्यान लगा ईश्वर में
संग यही पल जायेगा…,
संगी साथी ,धन दौलत
सब कुछ यहीं पर रह जायेगा,
यह ,मानव जीवन मिला है तुमको
जी लो इसको -जी भर के तुम,
क्योंकि, जीवन क्षणभंगुर जो है ||
शशि कांत श्रीवास्तव
डेराबस्सी मोहाली, पंजाब
स्वरचित मौलिक रचना