जीवन क्या है
सवाल उठा
जवाब ढूंढ
जीवन क्या है
तू बतला
जाने किस माहौल में
कोई हीरा बन जाये
कोई सूरज बन जाये
जबाब ढूंढता जा
तेरा जवाब अलग होगा
मकसद अलग होगा
धूल मिलेंगे, धूल उड़ेंगे
उनमें सोना ढूंढता जा
आगे बढ़ता जा
सफ़र जारी रख
लोग मिलेंगे
बस उनमे ईश्वर ढूंढता जा
– आनंदश्री