जीवन को नई रवानी दे ।
देखते हैं हम खुद को जैसा दुनिया देखती है
कहते हैं हम वही जो दुनिया हमे कहती हैं
हमारी सोच , विचार और जीवन सब , सब यह दुनिया बनाती हैं ।
जाने अनजाने ये दुनिया , ये दुनिया हमे चलाती हैं
हम खुद के लिए नही , इस दुनिया के लिए जीते हैं
खुद को भूल कर हम , हर रोज इस दुनिया से मिलते हैं
क्यों ऐसा न होता की हम खुद में थोड़ा झांक ले
खुद को जान कर हम स्वयं को थोड़ा पहचान ले
देख ले वास्तव में इस दिल में क्या छुपा हैं
क्या हैं इसकी हसरत , न जाने कहां ये रुका हैं
बैचेन रहता हैं दिल , क्योंकि हम खुद में ही नही बसते
कोई क्या कहेगा , कोई क्या करेगा बस यही सोचते रहते
खुद को जाना नही , दूसरों को जानने की चाहत हैं
फिर क्यों कहते हैं हम की इस दिल को न राहत हैं
क्यों खुद की बुराई को हम औरों की बुराई से ढकते हैं
अपनी कमी से मुंह मोड़ , हम दूसरों की कमी आगे रखते हैं
क्या जरूरत हैं हमको, दूसरों से अपनी तुलना करने की
क्यों जरूरत पड़ती हमको औरों की खुशी से जलने की
हाथ की लकीरें दो लोगों की एक समान नहीं होती
जो खोए हैं दूसरों में ,उनकी किस्मत उनके साथ नहीं होती।
इस जहां में खुदा ने सबको एक जैसा नही बनाया हैं
देख खुद में और जान, उस रब ने किस खूबी से तुझे सजाया हैं
पहले जान खुद को , कि तू क्या हैं और तू कहां हैं
क्या हैं तेरी मंजिल , कहां तेरा रास्ता हैं ।
जान जाए अगर मंजिल, तो मेहनत का उसे पानी दे
अपने सपनो को साकार कर , जीवन को नई रवानी दे|