Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jan 2023 · 1 min read

जीवन की सांझ

चारों तरफ अंधेरा
खोया कहीं सबेरा।

पथ में बहुत हैं काँटे
खल तामसी सताते।
कोई लगे न अपना
जीवन है एक सपना।।

कैसे मैं राह पाऊं
डूबूँ या पार जाऊं।

जीवन की साँझ है क्या ?
रूख़सत का जाम है क्या ?
जोड़ा बहुत ये सत है –
चलता वही जो पथ है।।

गम का यहाँ बसेरा
तम छा गया घनेरा।

गीता बचन अमर है
जीवन ये बस समर है।
हारा न कोई जीता
सबकी यही डगर है।

नियंता ही बस चितेरा –
मत सोच तू अकेला।।

2 Likes · 278 Views
Books from Dr. Girish Chandra Agarwal
View all

You may also like these posts

जिंदगी का बोझ
जिंदगी का बोझ
ओनिका सेतिया 'अनु '
जा तुम्हारी बेवफाई माफ करती हूँ।
जा तुम्हारी बेवफाई माफ करती हूँ।
लक्ष्मी सिंह
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
*फूलों सा एक शहर हो*
*फूलों सा एक शहर हो*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"कुछ खास हुआ"
Lohit Tamta
रोना भी जरूरी है
रोना भी जरूरी है
Surinder blackpen
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
राहुल रायकवार जज़्बाती
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
संसार में कोई किसी का नही, सब अपने ही स्वार्थ के अंधे हैं ।
संसार में कोई किसी का नही, सब अपने ही स्वार्थ के अंधे हैं ।
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सच्चाई सब जानते, बोलें फिर भी झूठ।
सच्चाई सब जानते, बोलें फिर भी झूठ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कविता
कविता
Rambali Mishra
वादा
वादा
goutam shaw
कोशिश कर रहा हूँ मैं,
कोशिश कर रहा हूँ मैं,
Dr. Man Mohan Krishna
सोचते हो ऐसा क्या तुम भी
सोचते हो ऐसा क्या तुम भी
gurudeenverma198
पेड़ और नदी की गश्त
पेड़ और नदी की गश्त
Anil Kumar Mishra
दोहा पंचक. . . . . पत्नी
दोहा पंचक. . . . . पत्नी
sushil sarna
हमने आवाज़ देके देखा है
हमने आवाज़ देके देखा है
Dr fauzia Naseem shad
ईश्वर की व्यवस्था
ईश्वर की व्यवस्था
Sudhir srivastava
शब्द
शब्द
Suryakant Dwivedi
शब का आँचल है मेरे दिल की दुआएँ,
शब का आँचल है मेरे दिल की दुआएँ,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"नाना पाटेकर का डायलॉग सच होता दिख रहा है"
शेखर सिंह
चलो शुरूवात करो
चलो शुरूवात करो
Rekha khichi
खामोश किताबें
खामोश किताबें
Madhu Shah
"आँखें "
Dr. Kishan tandon kranti
टूटे नहीं
टूटे नहीं
हिमांशु Kulshrestha
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Phool gufran
- अपना होना भी एक भ्रम है -
- अपना होना भी एक भ्रम है -
bharat gehlot
पिता की याद।
पिता की याद।
Kuldeep mishra (KD)
लोगों को सत्य कहना अच्छा लगता है
लोगों को सत्य कहना अच्छा लगता है
Sonam Puneet Dubey
Loading...