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9 Mar 2021 · 1 min read

जीवन की समीक्षा भाग ,एक।

मैं इस पुस्तक को इसलिए लिख रहा हूं कि आज के युग में साहित्य की कीमत इतनी ज्यादा है कि आम आदमी खरीद कर पढ़ ही नही सकता है। चूंकि उसके पास इतने पैसे नहीं होते हैं कि वह महंगा साहित्य को खरीद सकें।
इसलिए मुझे इस साहित्य की रचना करनी पड़ी की आम आदमी इसे खरीद कर पढ़ सकें। मैं सबसे पहले मानव जीवन की सच्चाई यां बताउंगा कि मानव जीवन की सच्चाई क्या है? इस तन में आकर आप क्या क्या कर सकते हैं।जब तू इस धरती पर मनुष्य के रूप में आता है। तब तू एक अबोध बालक के रूप में होता है। तू इस धरा की कोई भी वस्तु को नही जानता है। यहां तक की तू अपनी मां को सही तरीके से नही जानता है।तू यहां पर आने के बाद रोता है।और रो रो कर अपनी मां को बताता है कि मैं तुम्हारे पास आ गया हूं। मेरे पास एक ही भाषा होती है वो है रोने की आवाज ।यह रोने की आवाज से ही सब अपनी मां को बताता है। निरन्तर।।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 1 Comment · 339 Views
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