जीवन की विडंबना
जीवन में बस
तेरा है सहारा
राधा डोले वृन्दावन
ढूंढे कृष्ण का आसरा
राम डोले वन वन
हनुमान बने आसरा
प्रह्लाद ने की आराधना
पाया ईश्वर का आसरा
पर्वत से बहती नदियाँ
धरती बनी आसरा
सूरज ने प्रकाश बिखेरा
तो जगत बना आसरा
चान्द ने बरसाई चाँदनी
तो मिला चकोरी को मिला आसरा
पंछी ने ढूंढा घरोंदा तो
वृक्षों ने दिया आसरा
है कैसी विडम्बना
बच्चों को जिन
माता पिता ने दिया आसरा
वहीं ढूंढते
वृध्दावस्था में आसरा
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल