जीवन की बाजी
पल दो पल के जीवन मे
क्या खोया, पाया मैंने
इन सब बातों को
मै भूल चुका हूं ।
कुछ वादों को, कुछ नातों को
मै तोड़ चुका हूं
जीवन की राहों को
मै अब मोड़ चुका हूं ।
जीवन की बाजी को
कहीं हार न जाऊं
इस डर को
मै जीत चुका हूं ।
उज्ज्वल होगा जीवन
अंधेरा जिसमे कभी न होगा
उस दीपक को
मै जला चुका हूं ।।
राज विग