जीवन की पाठशाला
✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हर व्यक्ति के सामने इंसान को अपने जीवन को खुली छलक की तरह नहीं रखना चाहिए वर्ना आपके तो जीवन का दर्द छलक उठेगा और सामने वाले का समय व्यतीत हो जायेगा और फिर वो आपके दर्द को चौपाल की गॉसिप बना देगा …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इंसान कुछ भी नहीं है ,ये केवल इंसान का भर्म मात्र है की जो कुछ उसने हासिल किया है वो केवल अपनी बुद्धि -कर्म से किया है परन्तु वो ये भूल जाता है की ये सब उसके पूर्व जन्मों के अच्छे कर्मों का परिणाम और उस ईश्वर का आशीर्वाद है ,अगर ईश्वर का आशीर्वाद नहीं है तो सारी बुद्धि -पैसा -कर्म सब धरे रह जाते हैं …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इंसान की नियत और ह्रदय साफ़ होने चाहिए वर्ना बातें तो हर कोई बड़ी बड़ी कर लेता है …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की आपको समझने वाला वाला आपकी झूटी हंसी को भी समझ जायेगा और नहीं समझने वाला आप चाहें आंसुओं की बारिश बहा दें तो भी आपके एक भी आंसू के पीछे दर्द को भी नहीं समझ पायेगा …!
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
?? विकास शर्मा “शिवाया”?
???
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